lyrics shiv chalisa Secrets

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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

From Sati arrived the use of the ritual “suicide” of widows who were being immolated by their spouse’s relations to the funeral pyre in their wife or husband, typically because the spouse could divert A part of the relatives fortune by marrying Yet another male, or by returning to her relatives and getting the original dowry with her.

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रच्छक काहू को डर ना।।

अर्थ: हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

हनुमान चालीसा लिरिक्स

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

श्री more info गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

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